चलो ,करके वादा ,एक अपने आप से ,हम ख़ुद को भी ,आज़ाद करवाये ।

छोटी सोच की ,ग़ुलामी से ,हम भी बाहर आ जाएँ ।

मज़बूत बनाएँ ,इरादे अपने ,यूँही ना बिखर जाएं ।

करें ना ग़ुलामी हम जात पात की नफरतों में अंधे न हो जाएं।

डर कर ,बैठ न जाए ,मुश्किलों से ,

अपने ,आपको डर से ,आज़ाद करवाएं ।

बने फ़ौलादी हिम्मतवाले ,

मुश्किलों का दरिया चीर जाएं ।

बढ़ती हुई टेक्नोलॉजी ने

कर लिया है ,मुट्ठी में हमें ,

अपने आप को आज़ाद करवाए।

बिगड़ रहे जो रिश्ते , क्रोध की वजह से ,

इस क्रोध से भी आज़ाद हो जाएँ ।

चलो इस बार आज़ादी दिवस पर,

ख़ुद को भी आज़ाद करवाये ।

यूँ ही न फँसे रहे ,छोटे छोटे सपनों में ,

चलो एक बड़ा सपना सजाएँ ।

जियो हमेशा आत्मविश्वास से ,

और दूसरों का भी आत्म विश्वास बढ़ाये ।

नाम रोशन करें अपने देश का ,ख़ुश रहें और खुशियां बाँटे, प्यार के ही गीत गाएँ ।

इन्सान बन कर आए हैं , इंसान का ही फ़र्ज़ निभाए ,

चलो इसी दिखावे की दुनियाँ से हम आज़ाद हो जाएं।

जय हिन्द जय भारत

सुखजीत सिंह चीमा