आँख नम हो रही थी और दिमाग़ फट रहा था।

मेरा एक एक लम्हा मुश्किल से कट रहा था।

जैसे जैसे ख़बरें सुन रहा था ,

ऐसे लग रहा था पहाड़ मेरे ऊपर गिर रहे हैं ,बादल मेरे सिर पर फट रहा था ।

मेरा एक एक लम्हा मुश्किल से कट रहा था।

मेरे बच्चे इतनी मुश्किल में पड़े थे ,

ये सुन सुनकर मेरे लुँ कंड़े खड़े थे।

मुझे महसूस हो रहा था, जैसे दिल मेरा चाक़ू से कट रहा था ।

मेरा हर लम्हा बड़ी मुश्किल से कट रहा था।

हाथ जोड़कर भगवान को प्रार्थना कर रहा था ।

पानी भी अंदर नहीं जा रहा था धीरे धीरे घुट भर रहा था।

गिरते हुए मकान और पहाड़ देख कर मेरा कलेजा फट रहा था।

मेरा एक एक लम्हा बड़ी मुश्किल से कट रहा था।

नींद नहीं आ रही थी रात भर जागता रहा ,

मैं क्या करूँ कैसे करूँ ,बस इसी सोच में मेरा दिमाग़ भागता रहा ।

एक एक घंटा जैसे 24 घंटों में कट रहा था।

मेरा एक एक लम्हा बड़ी मुश्किल से कट रहा था।

हम ठीक हैं हम safe हैं जैसे ही मेरे पास ख़बर आयी,

तब जाकर मेरी जान में जान आयी।

अब लगा जैसे मुश्किलों का बादल छट रहा था।

मेरा एक एक लम्हा मुश्किल से कट रहा था।

दिल कर रहा था सबको मिलकर सीने से लगा लूँ।

इस मुश्किल से अपने बच्चों को बचा लूँ।

बस हर पल हर घड़ी मेरे दिल में ,यही घट रहा था ।

मेरा हर लम्हा बड़ी मुश्किल से कट रहा था।