विद्वान भी और वीर भी
हाथ में मरहम भी और शमशीर भी
दिल में मानवता दर्द ओर जुलम के ख़िलाफ़ तीर भी
ऐसे थे मेरे गुरु गोबिन्द सिंह विद्वान भी और वीर भी
ऐसी क़ुर्बानी और बहादुरी की दुनिया में मिसाल नहीं
गुरु गोबिन्द सिंह जैसा कोई साहिब ऐ कमाल नहीं
दुनिया में बहुत आए और बहुत गए कोई और माँ ने ऐसा जन्मा लाल नहीं
गीदड़ों से शेर बनाना गुरु होकर ख़ुद चेला बन जाना
सोचो कितना बड़ा ख्याल है
धन धन गुरु गोबिन्द सिंह साहिब ऐ कमाल है
धन धन गुरु गोबिन्द सिंह साहिब ऐ कमाल है
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